ड्राफ्टिंग के तीन चरण
प्रथम ड्राफ्ट लेखन
अपने विचारों को लिखने से पहले चिन्तन करें- ऐसा करने से आप अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर पायेंगे। एक बार जब आपका प्रारंभिक ड्राफ्ट तैयार हो जाये तो 'मानक दस्तावेज़ संरचना' को खयाल में रखकर आप अपने ड्राफ्ट में वो सभी जरूरी विवरण जोड़ लें जो उसमें छूट गये हैं। बुलेट प्वाइंट्स, शीर्षक, उप-शीर्षक और छोटे शीर्षकों का प्रयोग अपने विषय-वस्तु की सामग्री की रूपरेखा के अनुसार करें।
अपने ड्राफ्ट को दोहरायें(पुनःप्रारूपण)
पहला ड्राफ्ट तैयार करने के कुछ दिनों के बाद इसका संपादन करें। संक्षिप्त और सही सामग्री डिजाइन (तैयार) करने के उद्देश्य से प्रत्येक शब्द, वाक्य तथा पैराग्राफ का मूल्यांकन करके ड्राफ्ट में सुधार करें।
- यदि कोई आवश्यक जानकारी छूट गई है तो उसे जोड़ लें।
- छोटे और स्पष्ट वाक्य का प्रयोग करें।
- यह सुनिश्चित करें कि लेख में सही काल (टेंस) का प्रयोग हुआ है।
- वर्तनी, व्याकरण और विराम चिह्न की गलती को सुधारें
- एक्टिव वॉईस (कर्तृवाच्य) और फस्ट पर्सन (उत्तम पुरुष) का प्रयोग आवश्यकतानुसार करें।
- वाक्यों तथा पैराग्राफों को क्रमबद्ध करके प्रवाह सुनिश्चित करें
अंतिम ड्राफ्ट लेखन
कई ड्राफ्ट लिखें क्योंकि प्रत्येक ड्राफ्ट पिछले वाले ड्राफ्ट से बेहतर होता है। जब तक आप संतुष्ट न हो जायें तब तक अंतिम ड्राफ्ट में सुधार करते रहें। इसे सहकर्मियों को दिखाएं और इसपर उनकी राय लें। सुझावों पर चर्चा करें और आवश्यकतानुसार सुधार करें।
अंतिम कॉपी(Final Copy) लिखना
- दस्तावेज़ की अंतिम कॉपी टाइप करें।
- प्रत्येक शब्द और आंकड़ों को ठीक करें।
- दस्तावेज के अंत में अपना नाम या आद्याक्षर(initials) टाइप करें।
- पाठक को दस्तावेज़ भेजें