कर्टसी से जुड़े एटिकेट्स


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शालीनता(कर्टसी) सामाजिक जीवन की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक है। 'कर्टसी' (शालीनता) शब्द स्वयं कोर्टीअस (शालीन) या कोर्ट्ली (शिष्ट या दरबारी) शब्द से आया है, जो उस समय के दरबार में होने वाली कार्यवाही की ओर एक सीधा संकेत करता है। शालीन(कोर्टीअस) होने का अर्थ दूसरों के साथ बातचीत करते समय विनम्र रहने और दूसरों का खयाल रखने से है।

कर्टसी से जुड़े एटिकेट्स ऐसे एटिकेट्स का एक समूह होता है जहाँ लोग दूसरों की मदद करने के लिये अपने हित को दाव लगा देते है। ये शिष्टाचार(एटिकेट्स) लोगों के मन में सकारात्मक प्रभाव बनाने और सामाजिक हलकों में विश्वास पैदा करने में मदद करते हैं। एक शालीन व्यक्ति अपने और दूसरों के हितों का नियमन करके किसी समाज में रहने का अधिकतम लाभ उठा सकता है। उदाहरण के लिए, जैसा कि जब आप कतार में खड़े हैं तो किसी विकलांग को अपने से पहले किसी सेवा का लाभ लेने की अनुमति देना या अपने सहकर्मी के लिए लिफ्ट खोले रखना आदि कुछ ऐसी चीजें हैं जो छोटी तो लग सकती है लेकिन लोगों के मन में एक स्थायी छाप छोड़ती हैं।

शालीनता-सहवर्ती शिष्टाचार ही केवल एक ऐसा व्यवहार है जहाँ स्वच्छता-सहवर्ती शिष्टाचार कम महत्वपूर्ण हो जाता है। कोई ऐसा व्यक्ति जो बुरी तरह से जख्मी है और अपने घाव पर बाँधने के कपड़े का टुकड़ा तलाश रहा है तो आप उस व्यक्ति को अपना रूमाल (यदि रूमाल साफ हो तो) दे सकते हैं, या फिर आपके किसी मित्र को ठंड लग रही है तो आप अपना जैकेट निकालकर उसे दे सकते हैं और अपने कुछ समय तक यूँही काम चला सकते हैं।

शालीनता से जुड़े शिष्टाचार का यदि पालन नहीं किया जाता है तो सामाजिक अस्वीकृति का सामना करना पड़ता है। जॉब के बारे में सब-कुछ जानने और शानदार प्रदर्शन देने के बाद भी कर्मचारी अक्सर प्रबंधकीय पदों पर पदोन्नत नहीं किये जाने की शिकायत करते हैं। हालांकि, ऐसे अधिकांश मामलों की वजह सामाजिक शिष्टाचार की कमी होती है।

कोरीयन एयर फ्लाइट 801 एयर-क्रैश - केस स्टडी

90 के दशक में 'कोरियन एयर' की गिनती दुनिया की सबसे असुरक्षित एयरलाइनों में होती थी। कोरियन एयर की पहचान एक डरावनी एयरलाईन के रूप में थी। लगभग 20 दुर्घटनाओं के बाद यह सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं वाली एयरलाइन्स के चार्ट में शीर्ष स्थान पर थी। जब यह स्पष्ट हो गया कि एयरलाइंस ने अपने 10 साल के कामकाज में इतनी बदनामी कमा ली है जितनी कि अन्य कम्पनियाँ कई दशकों में कमाती हैं तो इसके प्रबंधन ने कर्मचारियों के कामकाज को समझने के लिए विशेषज्ञों को नियुक्त करने का फैसला लिया।

ऐसा नहीं है कि प्रबंधन का रवैया कठोर था या वे विमान दुर्घटनाओं को लेकर चिंतित नहीं थे। उनसे गलती यह हो रही थी कि वो वही कर रहे जो अक्सर किसी दुर्घटना के बाद कंपनियाँ करती थीं। आमतौर पर कंपनियाँ मशीनरी, इंजन और अप्रशिक्षित विमान चालक आदि क्षेत्रों का अध्ययन करती थीं। संक्षेप में कहें तो वे उन चीजों की छानबीन कर रही थी जिन मुद्दों पर मीडिया  सवाल उठाती है जैसे कि पुराने विमान, अयोग्य स्टाफ, कम्यूनिकेशन गैप, आदि। हालांकि, ध्यान देने योग्य बात यह है कि उनकी समस्या तकनीकी नहीं बल्कि पदक्रम पर आधारित एक अत्यंत कठोर और सख्त शिष्टाचार थी।

एक जाँच के मुताबिक बहुत से लोगों को पहले यह विश्वास करना बहुत बेतुका और बेहद मुश्किल लगता था कि दुर्घटना शिष्टाचार की एक सख्त श्रेणीबद्ध संरचना का परिणाम थी। जिसमें कोरियाई लोगों से आशा की जाती थी कि वे अपने बुजुर्गों से इतना सम्मानपूर्वक व्यवहार करेंगे कि दुनिया के अन्य भाग के लोग तो इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते।

कोरिया के लोग अपने परिवार तथा अन्य लोगों से बातचीत करते समय वरिष्ठता, संबंध, रैंक, क्रम और अधिकार के आधार पर सख्त शिष्टाचार का पालन करते हैं। कोरिया के लोग छः अलग-अलग तरीके से बातचीत करते हैं और ये सभी तरीके सामाजिक संरचना जैसे वरिष्ठता और संबंध पर आधारित होते हैं और इसका पालन एक ही परिवार के लोग आपस में बातचीत करते समय भी करते हैं।

मामले का अध्ययन

उदाहरण के तौर पर एक कोरियाई अपने पिता, दादा तथा अपने बेटे से बिल्कुल अलग-अलग अंदाज में बात करता है। वह अपने बड़े और छोटे बेटे से अलग-अलग तरीके से बात करेगा। हालांकि इस तरह के ढाँचे को इस मकसद से तैयार किया गया था कि परिवार के सदस्य एक-दूसरे का सम्मान करें लेकिन विमानन के इतिहास में सबसे खराब दुर्घटनाओं में से एक कोरियाई एयर की फ्लाइट 801 की 1997 वाली दुर्घटना के पीछे भी इसी का हाथ था।

कोरियाई एयर फ्लाइट 801 का एयरक्रैश

6 अगस्त 1997 का वो दुर्भाग्यपूर्ण सुबह जब यूएसए के गुआम रनवे से पाँच किलो मीटर दूर नीमित्ज़ हिल से कोरियाई एयर फ्लाइट 801 दुर्घटनाग्रस्त हो गई। उस समय इसमें 253 यात्री सवार थे जिसमें से 223 लोगों की मौत हो गई। इनमें से ज्यादातर सवारी सैलानी और हनीमून पर जाने वाले लोग थे।

दुर्घटना की जाँच से यह पता चला कि दुर्घटना कैप्टन की गलती की वजह से हई थी जिसने ऊँचाई बतानेवाले ऐसे यंत्र का रीडिंग सही मान लिया जो ठीक तरह से काम नहीं कर रहा था। हालांकि, दिलचस्प बात यह थी कि फर्स्ट ऑफिसर का ऊंचाई सूचक ठीक से काम कर रहा था फिर भी वह कप्तान को यह नहीं बता पाया कि गलत आंकलन के कारण उड़ान पर खतरा मंडरा रहा था।

कोरियाई एयर फ्लाइट 801 का एयरक्रैश

चौंकाने वाले खुलासों में से, एक-उड़ान के वॉइस रिकॉर्डर से यह पता चला कि अधिकारी को जब इसका अहसास हुआ कि जहाज में कुछ खराबी आयी है तो, वह इतना हिम्मत नहीं जुटा पाया कि वो पदानुक्रम वाले शिष्टाचार को तोड़कर कैप्टन के गलत फैसले पर सवाल पूछे।

इसके अलावा कोरियन एयर की भर्ती करनेवाली पॉलिसी के हिसाब से वो सिर्फ ऐसे पायलट्स की भर्ती करते थे जो पहले वायुसेना में काम किये होते थे। इस वजह से वर्गीकृत संरचना को और मजबूती मिली और उनमें बातचीत करने के सख्त तरीके होते थे। और यही कारण होता था कि कैप्टन के साथ काम करने वाले कर्मचारियों के बीच इतना खौफ बना रहता था कि अपनी बात को सहजता से नहीं रख पाते थे। जिस दिन प्लेन क्रैश हुआ था उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ था-जब फर्स्ट ऑफिसर को पता चला कि विमान बहुत तेजी से नीचे उतर रहा था तो भी वह चुप रहना मुनासिब समझा।

बातचीत के एटिकेट को दोष दिया जाना चाहिये?

बहुत से लोग, खास तौर पर पश्चिम के लोग इस बात के बिल्कुल खिलाफ थे कि किसी को एटिकेट्स के तहत बताये गये समाजिक नियमों को पूर्ण रूप से पालन करना चाहिये। यदि किसी की हालत बहुत ज्यादा खराब हो और वो जीवन-मृत्यु की लड़ाई लड़ रहा तो भी एटिकेट्स का सख़्ती से पालन किये जाने के खिलाफ थे। यह एकलौती ऐसी घटना है जो इस घटना के पीछे सच्चाई को बयाँ कर रही थी।

फ्लाइट का कैप्टन एक 42 वर्षीय व्यक्ति था जिसके पास लगभग 9000 घंटे की उड़ान का अनुभव था। 40 साल का फर्स्ट ऑफिसर कैप्टन से सिर्फ दो साल छोटा था। दिलचस्प बात यह है कि 57 साल के फ्लाइट इंजीनियर के पास कैप्टन और फर्स्ट अधिकारी के कुल अनुभव से भी अधिक उड़ान का अनुभव था। लेकिन वे अधिकारी से बात करने और सम्मान देने से संबंधित शिष्टाचार की डोर से इतने बंधे हुये थे कि उनमें से कोई भी अपने अधिकारी की गलती को खुलेआम नहीं बता पाया।

इस ऑडिट के परिणामानुसार कोरियन एयर ने अपने मानव संसाधन नियमों और प्रशिक्षण व्यवहार में काफी बदलाव किया। फ्लाइट ऑफिसर्स अब सेना से नहीं लिए जाते थे और ट्रेनिंग कार्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि अलग-अलग रैंक के ऑफिसर आपसी सम्मान को बरकरार रखते हुए खुलकर बात कर सकें।

बातचीत के सख्त एटिकेट

कोरियन एयर की नीतियों में निम्नलिखित बदलाव किये गए। इस तरह के कई वर्कशीट्स तैयार की गई और सभी स्टाफ को दी गई ताकि यह जाना जा सके कि वे एटिकेट (शिष्टाचार) से क्या समझते हैं −

  • यदि छोटे रैंक का कोई कर्मचारी अपना हाथ हिलाते हुये आपसे यह पूछे कि "आप कैसे हैं"?

    • आप उसे शिष्टाचार का ध्यान रखने के लिए कहते हैं।

    • आप जवाब होगा-"धन्यवाद! मैं ठीक हूँ। "

    • उसे अनदेखा करके चलते रहेंगे

    • अधिकारी वाली बॉडी लेंग्वेज बनाये रखेंगे और थोड़ा सा सिर हिलाकर अभिवादन करेंगे।

  • बात करते समय किसी वरिष्ठ सहकर्मी के करीब खड़ा होना उचित है

    • हाँ

    • कभी नहीं

    • अगर वह करीबी दोस्त है।

    • नहीं, अगर वह सहकर्मी किसी दूसरे विभाग है तो नहीं

  • आपका कोई सहकर्मी एक मित्र के साथ आपके रूम में आता है और आप से उसका परिचय करवाना चाहता है

    • उसे अपने मित्र को आप से तुरंत मिलवाना चाहिए।

    • उसे तुरंत अपने मित्र का परिचय आपसे करवाना चाहिए।

    • उसे पहले मुझसे बात करनी चाहिए और फिर अपने मित्र का परिचय मुझसे करवाना चाहिए।

    • उसे अपने मित्र को मुझसे मिलवाने से पहले मुझे सूचित करना चाहिए।

  • आपने किसी से अपॉइन्ट्मेन्ट लिया है; फिर भी आप प्रतीक्षा कर रहे हैं

    • दरवाजा खोलकर  "इक्स्क्यूज़ मी" बोलेंगे।

    • दरवाज़े पर खड़े हो जायेंगे ताकि आप जिस व्यक्ति से मिलने आए है वह आपको देख सके।

    • कुछ देर और इंतजार करेंगे और फिर एक पर्ची पर छोटा सा नोट लिखकर वहाँ से वापिस आ जायेंगे

    • आत्मविश्वास के साथ अंदर जायेंगे, अपना परिचय देंगे और अपने अपॉइन्ट्मेन्ट के बारे में बतायेंगे।

  • किसी को शुक्रिया अदा करने का बेहतर तरीका यह होगा कि

    • आप उसे उपहार के साथ एक छोटा सा नोट भेजें।

    • यूँही ऑफिस चले जायें और उससे लंच या कॉफी पर आमंत्रित करें।

    • उसके घर पर फूल भेजें

    • उसे कॉल करें।

  • किसी मिटींग मे महिला से हाथ मिलाने से पहले उसके हाथ बढ़ाने की प्रतीक्षा करें

    • हमेशा

    • कभी नहीं

    • यदि वह आपसे छोटे पद पर है तो ऐसा नहीं करना चाहिये

    • यदि वह आप ही के दर्जे की सहकर्मी है तो ऐसा नहीं करना चाहिये।

  • मौसम, राजनीति और यातायात पर चर्चा करते हुए चुप्पी तोड़ना बेहतर होता है

    • हमेशा

    • कभी नहीं

    • यदि वह व्यक्ति आपसे छोटे पद पर है तभी ऐसा नहीं करना चाहिये

    • यदि वह व्यक्ति आप ही के दर्जे का सहकर्मी है तो ऐसा नहीं करना चाहिये।

  • किसी व्यावसायिक इकाई को ईमेल भेजते समय आपको

    • इतनी औपचारिक भाषा का प्रयोग करन चाहिए जितनी की आप कागज पर लिखते वक्त करते हैं।

    • सहज और औपचारिक भाषा शैली का प्रयोग करें जो बिल्कुल पत्र-व्यवहार जैसी हो।

    • यथासंभव औपचारिक रहें और ईमेल को तथ्यों और बिंदुओं से अनुरूप रखें।

    • शीघ्र प्रतिक्रिया पाने के लिये कम और 'टू द प्वाइंट'(प्रासंगिक) लिखें।

  • ऑफिस आवर्स में व्यक्तिगम बातचीत के लिये फोन का इस्तेमाल करना उचित है

    • कभी नहीं

    • हमेशा

    • मिटींग में नहीं

    • जब लोग आस-पास हो तब नहीं

  • यदि आपका कोई कलीग (सहकर्मी) आपसे कोई अफवाह शेयर करता है तो

    • आप यह अफवाह किसी और से शेयर करेंगे

    • आप स्वयं सच्चाई का पता लगाने का प्रयास करेंगे

    • उस अफवाह के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिये अपने सहकर्मियों बात करेंगे

    • सूचना को अपने तक ही रखेंगे और उस कर्मचारी को फटकार लगाएंगे

परिणामों के विश्लेषण से एक आश्चर्यजनक बात निकलकर आई-अधिकांश कर्मचारियों ने पूछे गए सवालों के जवाब 'हाँ' या 'ना' में दिया था। ज्यादातर पायलटों ने या तो पूर्णरूप से सकारात्मक वाला उत्तर "हमेशा" या पूर्णरूप से नकारात्मक "कभी नहीं" वाला उत्तर चुना था।

कुछ ने चरमसीमाओं के बीच संतुलन बनाए रखना चुना। हालांकि, इनमें से इन-फ्लाइट स्टाफ बहुत कम थे। इसे ध्यान में रखते हुए एयरलाइनों में कई बदलाव किये गए। इस तरह व्यापक स्तर पर उठाये गये कदम का परिणाम ये हुआ कि कोरियन एयर की वर्ष 2007 की इकलौती घटना के सिवाय कोई दुर्घटना नहीं घटी। वर्ष 2007 वाली घटना भी कोई दुर्घटना नहीं थी- इसमें हुआ ये था कि एक हवाई जहाज़ अपेक्षित रनवे के बजाय टैक्सीवे पर लैंड की थी पर इसमें भी यान का कोई यात्री हताहत नहीं हुआ।



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